कार्बनिक अभिक्रियाओं में सामान्यतः इसे अभिक्रिया विलायक के रूप में काम में नहीं लिया जाता है, क्योंकि यह अभिकारकों को ठीक प्रकार से विलेय नहीं करता है, यह उभयधर्मी (अम्लीय और क्षारीय) और नाभिकस्नेही प्रकृति का होता है.
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कार्बनिक अभिक्रियाओं में सामान्यतः इसे अभिक्रिया विलायक के रूप में काम में नहीं लिया जाता है, क्योंकि यह अभिकारकों को ठीक प्रकार से विलेय नहीं करता है, यह उभयधर्मी (अम्लीय और क्षारीय) और नाभिकस्नेही प्रकृति का होता है.